Top Header Ad

Banner 6

खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली

तुमरी तौ खुट्यों मा जब लगला पराज
अर आँखि यखुली मा रगरे जाली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

लगालु बथौ, ऐकी गीत चौक तिबरी मा
अर बुग्यालों की पिड़ा खुट्यों कुतग्यलि लगाली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

गाड-गदेरा जब धै लगै की भट्याणा राला
अर हैरी डाली बोटी तुम थै सनकाणी राली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

डोखरी-पुंगड़ियों मा जब लागलु घाम तैलु
या दूर डाँडियुं कुई घस्येरी खुदेणी राली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

होलु कुई जब डाला छैल अधुरवै कैकि
या कै बुलाणा खु चुल्लो की आग भभराली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

बडुलि बणी की जु खुद लगलि गौला मा
या सुपिन्यों मा सनकाली कुई आँखि रत्नयालि
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

बस्ग्याल सी बरखलि कबि जु आँखि दगड्यों
या जिकुड़ि, सौंजङ्यां कुई धीर धराली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

सारी जब हैरी पिंगली रंगो मा रंगी होली
अर समलौंण कैकि कुई घार बिटि आली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

भितर कखि कुई जब कुई दानु खासलु
अर खबरसार जब कैमा घार-गौ की सुण्यालि
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

बरखा कु लग्यु रालु झमणाट
अर डाँडियूं जब कुयेड़ि घनघोर लागली
खुदेड़ डाँडी काँठी याद आली।

@नोप सिंह नेगी(खुदेड़)
971 6959 339

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ